जमशेदपुर : साहित्य समिति, तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक 'काव्य कलश' सह साहित्यकार महावीर प्रसाद द्विवेदी एवं सुमित्रानंदन पंत  की जयंती मनाई गई। जिसकी

जमशेदपुर : साहित्य समिति, तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक 'काव्य कलश' सह साहित्यकार महावीर प्रसाद द्विवेदी एवं सुमित्रानंदन पंत  की जयंती मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता संस्थान के न्यासी अरुण कुमार तिवारी ने की। कार्यक्रम का संचालन  कार्यकारिणी सदस्य वसंत जमशेदपुरी ने  किया । इस अवसर पर स्वागत भाषण तुलसी भवन के मानद महासचिव  प्रसेनजित तिवारी ने दिया जबकि धन्यवाद ज्ञापन समिति के सचिव डाॅ० अजय कुमार ओझा ने दिया

जमशेदपुर : साहित्य समिति, तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक 'काव्य कलश' सह साहित्यकार महावीर प्रसाद द्विवेदी एवं सुमित्रानंदन पंत  की जयंती मनाई गई। जिसकी

हजारी प्रसाद द्विवेदी एवं सुमित्रानंदन पंत की जयंती मनी 

जमशेदपुर : साहित्य समिति, तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक 'काव्य कलश' सह साहित्यकार महावीर प्रसाद द्विवेदी एवं सुमित्रानंदन पंत  की जयंती मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता संस्थान के न्यासी अरुण कुमार तिवारी ने की। कार्यक्रम का संचालन  कार्यकारिणी सदस्य वसंत जमशेदपुरी ने  किया । इस अवसर पर स्वागत भाषण तुलसी भवन के मानद महासचिव  प्रसेनजित तिवारी ने दिया जबकि धन्यवाद ज्ञापन समिति के सचिव डाॅ० अजय कुमार ओझा ने दिया

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कार्यक्रम का शुभारंभ  दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ।  श्रीमती माधवी उपाध्याय के सरस्वती वंदना से काव्य पाठ का शुभारंभ हुआ।  फिर  कैलाश नाथ शर्मा 'गाजीपुरी' ने महावीर प्रसाद द्विवेदी तथा  ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र ने सुमित्रानंदन पंत के साहित्यिक जीवन से परिचय  कराया। 
कार्यक्रम के अगले सत्र में शहर के नामचीन कवियों ने स्वरचित काव्य पाठ किया । जिसमें बलबिन्दर सिंह , अनिता निधि, कन्हैया लाल अग्रवाल, नीता सागर चौधरी, भंजदेव देवेन्द्र कुमार 'व्यथित', माधवी उपाध्याय, जय प्रकाश पाण्डेय , प्रतिभा प्रसाद ,  ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र , वीणा कुमारी नंदिनी, डाॅ. संजय पाठक 'सनेही', रीना गुप्ता , कैलाश नाथ शर्मा 'गाजीपुरी', आरती श्रीवास्तव 'विपुला', हरिहर राय चौहान, माधुरी मिश्रा , विनय कुमार श्रीवास्तव 'फूलनजी', चंदा कुमारी, शीतल प्र. दूबे, शिव नन्दन सिंह , कुमार राजेन्द्र गोस्वामी , विवेक बिहारी मिश्रा , यमुना तिवारी 'व्यथित' तथा वसंत जमशेदपुरी प्रमुख थे।  कार्यक्रम के अंत में सामूहिक राष्ट्र गान गाया गया।